Connect with us

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बेरोजगारों के समर्थन में निकाली नंगे पांव पदयात्रा…

उत्तराखंड

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बेरोजगारों के समर्थन में निकाली नंगे पांव पदयात्रा…

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज यानि मंगलवार को युवा बेरोजगारों के प्रति एकजुटता व समर्थन में नंगे पांव पदयात्रा की। इस दौरान हरदा ने जहां सरकार को आड़े हाथ लिया। वहीं उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सर्वाधिक बेरोजगारी है, यहां भर्तियों के नाम पर नौजवानों को ठगा जा रहा है। युवाओं को कभी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, कभी विधानसभा तो कभी लोकसेवा आयोग के झमेले झेलने पड़ रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार पूर्व सीएम हरीश रावत ने आज डिस्पेंसरी रोड स्थित राजीव गांधी की प्रतिमा से गांधी पार्क में पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा तक पदयात्रा की। इस दौरान युवाओं को रोजगार दो- धामी जी चुप्पी तोड़ों जैसे नारें लगाए गए। हरीश रावत के साथ कांग्रेस नेता गरीमा दसौनी भी पद यात्रा करती दिखी। उन्होंने भी युवाओं के रोजगार के लिए आवाज बुलंद की।

यह भी पढ़ें 👉  राजस्थान सरकार ने उत्तराखंड की आपदा राहत हेतु 5 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की

हरीश रावत ने कहा कि राज्य में 85 हजार के करीब पद रिक्त हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से कोई कदम इन रिक्तियों को भरने में नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल जितनी नौकरियां लगी नहीं उससे ज्यादा नौजवान निकाल दिए गए। इधर जिन लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ परीक्षाएं दी थी, वह परीक्षा या तो रद्द हो गई, या फिर वह नौजवान नौकरी की उम्मीद में लटके पड़े हैं। उन्होंने उपनल कर्मी, दैनिक वेतन भोगी, अंशकालिक शिक्षकों का मसला उठाते हुए कहा कि यह लोग पिछले 6 साल से सरकार की अवहेलना का शिकार हैं।

यह भी पढ़ें 👉  धामी सरकार का सख्त कदम, बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रदेशभर में कफ सिरप पर बड़ी कार्रवाई

वहीं हरीश रावत ने कहा कि राज्य के उन बेरोजगार नौजवानों, शिक्षित बेरोजगारों अधर में त्रिशंकु की भांति लटके हुए उन लड़के-लड़कियों जिनकी दिल की धड़कन हर दिन बढ़ती जा रही है, जिनकी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं, जिनके चेहरे और होंठ सूखते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे हाथ में कुछ नहीं है, न सत्ता है, न कुछ और, न शक्ति है। जो कुछ मुझे इस राज्य ने दिया है उसके बल पर एक नैतिक दबाव राज्य सरकार पर पैदा करने के लिए ये नंगे पांव पदयात्रा की, इसमें कोई राजनीति भी नहीं है।

यह भी पढ़ें 👉  वनस्पति विज्ञान विभाग की छात्रा अवंतिका परमार ने सी एस आई आर नेट जे आर एफ की परीक्षा उत्तीर्ण की

इतना ही उन्होंने कहा कि एक भूतपूर्व मुख्यमंत्री के नाते मैं समझता हूं, मैं भी इन बच्चों का अभिभावक हूं जो मेरा भूतपूर्व मुख्यमंत्री के नाते कर्तव्य है, वह मुझे बाध्य कर रहा है। इस पदयात्रा को पार्टीगत न समझा जाए, इसलिए मैंने अपने प्रदेश अध्यक्ष जी की ओर पार्टी के नेतागणों को भी सूचित नहीं किया है , मैं उनसे भी क्षमा चाहता हूं।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top