Connect with us

प्रदेश में बीएड कॉलेजों की 50 फीसदी सीटें खाली, ये बताई जा रही वजह…

उत्तराखंड

प्रदेश में बीएड कॉलेजों की 50 फीसदी सीटें खाली, ये बताई जा रही वजह…

Uttarakhand News: प्रदेश में बीएड कॉलेजों की 50 फीसदी सीटें खाली है। जिसको लेकर सवाल उठ रहा है कि अब युवाओं में बीएड करने के प्रति रुचि कम हो रही है। या कोई और ही वजह है इसको लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है।

अखिल भारतीय अनएडिड विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने  कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के अधिकारियों के नकारात्मक दृष्टिकोण के कारण बीएड (b.ed) कॉलेजों में इस वर्ष 50 फीसद से ज्यादा सीटें खाली हैं।

यह भी पढ़ें 👉  ओवरब्रिज कार्यों की धीमी गति पर डीएम नाराज; कार्यदायी संस्था को फटकार

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा इस सत्र में अपनी प्रवेश परीक्षा नहीं कराई गई और ceut के माध्यम से प्रवेश परीक्षा देने वाले छात्रों को ही b.ed में प्रवेश की अनुमति दी गई। लेकिन इसका पहले से प्रसार नहीं किया गया। जिस कारण छात्र और कॉलेज गढ़वाल विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा का इंतजार करते रहे।

यह भी पढ़ें 👉  लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने उत्तराखंड में कार्यकारिणी का किया विस्तार

बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश हेतु सिर्फ ceut के माध्यम से प्रवेश परीक्षा देने वालों को ही संबद्ध कॉलेजों में भी प्रवेश हेतु निर्देशित किया गया। जिस कारण सीईयूटी के माध्यम से प्रवेश परीक्षा देने वाले गढ़वाल के छात्रों की संख्या कम होने के कारण कॉलेजों में कॉलेजों में 50 फीसद से अधिक सीट खाली हैं।

गौरतलब है कि इस सत्र में यूजीसी द्वारा नॉर्थईस्ट स्टेट्स के विश्वविद्यालयों के साथ हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों को भी प्रवेश के लिए सीइयूटी (ceut) की बाध्यता से मुक्त रखा गया था। विश्वविद्यालय ने सभी कोर्सों (b.ed को छोड़कर) में यूजीसी के निर्णय का पालन किया। ऐसे में गढ़वाल विश्वविद्यालय हर वर्ष बीएड प्रवेश के लिए अपनी प्रवेश परीक्षा संपन्न करवाता है। उसके माध्यम से ही छात्रों को संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश किए जाते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म पर नया कानून लागू
Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top